Sunday, 5 February 2012

देश को चाहिए "रास्ट्रीय आचरण सहिंता -नंदा फाउंडेसन

भारत नवनिर्माण की पहली तसवीर है जिसमे देश को चाहिए "रास्ट्रीय आचरण सहिंता "इसके बिना भारत कोई भी राजनेतिक जनसेवा के छेत्र में आदर्श उपलब्धी नही कर सकता ? देश में ये एक खास बहस का मुद्दा है जिसे गुलजारीलाल नंदा फाउंडेसन जीवित समाज के द्वारा लोकतंत्र के पहरेदारों के बीच चलाना चाहता है ताकि आने वाले भारत के मजबूत लोकतंत्र के लिए बात आगे बड सके ? 
      सदाचार के द्व्झा भारतरत्न गुलजारीलाल नंदा ज़ी  का राजनेतिक जीवन एक कठोर सत्य साबित हुआ है की सदाचार से राजनेतिक हर जटिलता दूर करने में नेतिक बल मिलता है और समाज का विस्वास अपने हितों की लढाई लड़ने वाले जनप्रतिनिधि में आस्था मजबुत होती है और ,विकास संगठनों में पारदर्शिता के खतरे सहित अन्य विफलताओं के खतरे दूर होते हैं ? गांधीवादी भारतीय श्रम राजनीती के जनक गुलजारीलाल नंदा ने अपने राजनेतिक जीवन में जिन मंत्रालयों में भी कानून बनाये वे दुनिया के लिए आदर्श साबित हुए ,उनपर यदि देश की सरकार शोध कराए तो योजनायें फलीभूत होंगी यदि तरीकों की बुनियाद के भागीरथ नेतिक हों तो सफलताएँ भारत के योजना आयोग को पिछड़ने नही देंगी ?
  के-आर-अरुण  चेयरमेन गुलजारीलाल नंदा फाउंडेसन समाज कार्य एवं अनुसन्धान केंद्र ,
 

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