Gulzarilal Nanda Foundation
Thursday, 17 October 2024
तेजस्वी विकास के मायने स्थापित करने वाली सैनी सरकार का हरियाणा देश के लिए आदर्श मॉडल बन सकता है शरद पूर्णिमा के दिन शपथ समारोह - नंदा फॉउंडेशन -
-कृष्णराज अरुण -
"सबका विकास सबका साथ" हर वर्ग को साथ लेकर चलने वाली सरकार का भरोसा देकर हरियाणा में नायब सिंह सैनी सरकार का शसक्त भाजपा के रूप में 2024 शरद पूर्णिमा के दिन उदयमान होना शुभ संकेत है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी का भरोसा हरियाणा को विकास की और भी मजबूत शिखर की और लेजाने में इतिहास रचने योग्य कदम स्वभाविक है।
युवा तेजश्वी नेतत्व के धनी नायब सिंह सैनी मनोहर लाल खटटर सरकार में परखे हुए ऐसे रत्न साबित हुए हैं जिन्होंने सभी प्रकार के अज्ञात भय को नकारते हुए अथाह परिश्रम की नीव डालकर 56 दिन की सरकार के कामकाज का कीर्तिमय प्रदर्शन दिखा कर 3 तीसरी बार भाजपा को प्रचंड बहुमत से विजय ध्वज से सभी को भविष्य के विकास के सपनो से जोड़ दिया है।
पहलवान किसान नौजवान के लिए फैलाये गए भर्मित हवा का मुख मोड़कर इन तीनो वर्गों के लिए भावी उम्मीदें जुड़ दी हैं जिससे कोई संदेह की गुंजाईस ना रहे। वास्तव में नइ सैनी सरकार के आगे बेरोजगारी की समस्या का संकट समाधान खोजने का रास्ता निश्चय ही भागीरथी प्रयास होगा। क्योंकि बेरोजगारी का यह संकट राष्ट्रीय ओसत से अधिक है। सैनी सरकार ने सरकार गठित होते ही 25 हजार नौकरियों का रिजल्ट का करिश्मा भी गजब साहसिक संदेश दिया है।
किसानो के लिए फसलों पर एमएसपी निर्धारित किया जाना और राज्य की मंडियों में बारीक नजर से समस्याओं को ना पनपने देने पर गौर किया जाना जरूरी कदम परिणाम दायक हो सकता है। वृद्धों की पेंशन के लिए बार बार निति बदलाव जो संकट बना था परिवार पहचान पत्र उसका सरल होना जरूरी है मगर आन लाइन सिस्टम परिणाम दायक जरूरी है। महिलाओं के उत्थान में की गयी घोषणा तारीफ के काबिल है.
उद्यमी विकास योजना में एम् एस एम इ मंत्रालय को कारगर रूप देने के लिए युवाओं को कारगर किया जाना आवश्यक है। बेरोजगारी के रोने से निकलकर जबतक भावना प्रधान युवा योजनाओं और बैंकों से लाभ लेकर खुद को बिजनेस चैम्पियन नहीं बनाएगा तबतक नौकरी की समस्या प्रदेश में सरकार का निपट पाना आसान नहीं है।
गौधन विकास यात्रा में चमत्कारिक प्रयोग और जैविक राज्य निर्माण योग्य कृषि क्षेत्र में बेहतरीन योजनाए हो सकती हैं जिसमे पशुधन विकास में अनेक वैज्ञानिक प्रयोग सामने लाये जा सकते हैं जो रोजगार क्षेत्र में उद्यमी विकास यात्रा में राज्य को आर्थिक और सामाजिक खुशहाली का बिगुल बजा सकता है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्री गुलज़ारीलाल नंदा स्मृति में गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन अध्यक्ष भारतरत्न नंदा जी के परमशिष्य कृष्णराज अरुण अनुसार पूर्ण योगदान देने में पीछे नहीं रहेगा।
Thursday, 22 August 2024
भारत को विश्वशक्ति बनाने की नियत की रचनात्मक राजनिति जगाने की जरूरत -नंदा फाउंडेशन
65 साल के प्रोड भारत की राजनेत्तिक शक्ति का उदय होने की सामाजिक एवं अध्यात्मिक जागरण की आवश्यकता आ गई है ।लगता है इसके बिना आजादी के सपनों का लोकतंत्र और उसकी धर्मनिरपेक्षता का मतलब साकार करने की कोशिश पूरी हो पाना असम्भव है । हमे उन भागीरथों को जुटाना होगा जो वास्तव में किसी व्यक्तिगत स्वार्थ प्रेरित राजनेतिक कारणों से दूर रहकर वास्तव में समाज के दिशा सचेतक प्रहरी हैं ।आज वास्तव में देश को एइसे समाज प्रेरित राजनेतिक संदेश की आवश्यकता है जिससे लगे की लोकपाल और कालेधन जेसे से घिरा देश गारंटी शुदा समय सीमा में रास्ता बनाने में सफल होगा ।
हम देख रहे हैं की रास्ट्रीय कार्यों के सम्पादन में आई गिरावटों को दूर करने के लिए जिस सामाजिक असंतोष को दूर करने की राजनेतिक शक्ति से बना तन्त्र विकसित करने की रचनात्मक सुझबुझ को वह बल नही मिल पा रहा है जिसकी इस देश को अभी खास आवश्यकता है ।जन संकट के उपजते सवालों को सुलझाने के तरीके भी साकार करने के विस्वाश की परम्परा नही पा रही है इसी कारण देश वाशियों के बीच सत्यमेव जयते का अर्थ साकार करना एक कठिन रास्ता तो नही सुझबुझ से जुड़ा नही बन पा रहा है जबकि हम भारत की जनशक्ति को विश्वशक्ति बनाने की नियत की रचनात्मक राजनिति जगाने की जरूरत की आवश्यकता पर की वजह से नही जुड़ प् रहे हैं ।
देश में स्वाधीनता मिलते ही हमने नये भारत की नीव जिन सिद्दांतों को लेकर आजादी की लड़ाई में खाई कसमो और कुर्बानियों के महत्व
हम देख रहे हैं की रास्ट्रीय कार्यों के सम्पादन में आई गिरावटों को दूर करने के लिए जिस सामाजिक असंतोष को दूर करने की राजनेतिक शक्ति से बना तन्त्र विकसित करने की रचनात्मक सुझबुझ को वह बल नही मिल पा रहा है जिसकी इस देश को अभी खास आवश्यकता है ।जन संकट के उपजते सवालों को सुलझाने के तरीके भी साकार करने के विस्वाश की परम्परा नही पा रही है इसी कारण देश वाशियों के बीच सत्यमेव जयते का अर्थ साकार करना एक कठिन रास्ता तो नही सुझबुझ से जुड़ा नही बन पा रहा है जबकि हम भारत की जनशक्ति को विश्वशक्ति बनाने की नियत की रचनात्मक राजनिति जगाने की जरूरत की आवश्यकता पर की वजह से नही जुड़ प् रहे हैं ।
देश में स्वाधीनता मिलते ही हमने नये भारत की नीव जिन सिद्दांतों को लेकर आजादी की लड़ाई में खाई कसमो और कुर्बानियों के महत्व
Wednesday, 1 May 2024
भारत के राज नैतिक कौशल के लिए राजनैतिक सदाचार जरूरी - नंदा फाउंडेशन
स्वाधीनता स्वस्थ लोकतंत्र की सांसें हैं इसका मजबूत संरक्षण केवल राजनैतिक सदाचार के आचरण से ही किया जा सकता है। नए भारत को पुनः अवतरित श्र्री राम का उदयमान होना शुभ संकेत माना जा रहा है अपितु यह तभी सम्भव है जब देश के लोकतंत्र को राजनैतिक सदाचार का ताबीज जनप्रतिनिधि विजयी होने के लिए पहने। दुनिया में इस समय युद्द का भीषण स्वरूप जो दिखाई दे रहा हैं निशचित ही यह मानवता को निगलने वाला बारुद् है यह और आगे ना बढ़े इसके लिए भारत को बार बार दोहराना होगा कि यह युग युद्द की बजाय विकास युग बनाने पर जोर दिया जाए ताकि तबाही का परिणाम देने वाले देश मानवता को जीवनदान दे सकें जैसे सम्राट अशोक ने प्रमाण दिया था।
भारत के पास कई कौशल हैं उसकी धर्मप्राण धरती ने देवत्व को कई रूपों में जन्म दिया है, पीर पैगंबर इशू जीजस से लेकर एक से बढ़कर एक तपोबली राजा संत अविष्कार विद्दवान हुए। दुर्भाग्यपूर्ण समय वह भी था जब नेत्र विहीन धृत राष्ट्र के राजपाट में दुर्योधन जैसे हठधर्मी पुत्र मोह के कारण महाभारत युद्द ने महावीरों को धरती से खोया। इतना बड़ा नर संहार हुआ कि कुरुक्षेत्र की 48 कोष धरती पर हुआ की मानव कंकालों के पहाड़ बन गए। हरियाणा कुरुक्षेत्र की धरती धरा आज भी रक्त- रंजीत ही खुदाईयों में दिखाई देती है।
20 वी सदी में सदाचार की मशाल जलाने वाले तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री भारतरत्न गुलज़ारीलाल नंदा ने 2 बार कैथल कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुवाव लड़कर लोकसभा पहुंचे थे उन्होंने उजाड़ महां भारत युद्द स्थली सदियों से उपेक्षित धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के विकास के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की स्थापना कर 22 साल तक उजाड़ तीर्थों का काल्प किया क्योंकि इसी धर्म क्षेत्र हरियाणा की धरती पर भगवान श्री कृष्ण ने गीता ज्ञान का अमृत बरसाया था। भारत रत्न नंदा जी चाहते थे कि दुनिया द्वेखें की अंध मोह शाशक का वंशवाद यदि दिशाहीन होने का परिणाम कितना घातक होता है।
भारत रत्न नंदा जी का परम शिष्य गुलज़ारी लाल नंदा फाउंडेशन का अध्यक्ष संस्थागत उत्तरदाई होने के नाते मै भारत सेवक कृष्ण राज अरुण कहना चाहता हूँ की देश की आजादी नैतिकता मांग रही है इसके लिए राजनैतिक सदाचार देश की अहम जरूरत है। भारत में यदि श्री राम आस्था का केंद्र हैं तो भारत धरती का बैकुंठ धाम है। भारत की पवित्रता के संकट को दूर करने के लिए राजनीती में पनपने वाले दोष की मुक्ति केवल राजनैतिक सदाचार से दूर होगी। भारत दुनिया के लिए प्ररेणा स्तम्भ बने यह विश्व जन मानस भी ह्रर्दय भरी नजरों से देख रहा है। भारत की राजनीति के तेवर विश्व के लिए देवत्व पराक्रम वाले दिखेंगे तभी एक शसक्त भारत दुनिया के लिए प्ररेणा बन सकेगा।
====== लेखक कृष्णराज अरुण कंट्री एन्ड पॉलिटिक्स पत्रिका सम्पादक हैं तथा - भारतरत्न नंदा जी के परम शिष्य हैं और गुलज़ारी लाल नंदा फाउंडेशन के चेयरमेन सेंट्रल भारत सेवक समाज के राज्यों के प्रभारी अध्यक्ष हैं।
Tuesday, 23 April 2024
जला कर सदाचार की मशाल -अमर हो गया भारत माँ का लाल - -ऐसे थे निष्काम सेवा के भारतरत्न रत्न नंदा श्री गुलज़ारीलाल - के आर अरुण
//गुमनाम होकर भी जीवित हैं -आदर्श स्मरण //
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देश में जबभी सच्चे सत्यनिष्ठा गांधीवाद आदर्श की बात होगी या श्रमिकों को दमन से निकालने और उनके लिए योजनागत आदर्श नीतियां बनाने के आदर्श तरीकों के निति निर्माण खोज होगी तो भारत रत्न श्री गुलज़ारीलाल नंदा के इतिहास पर अवश्य चर्चा होगी।
गाँधीवादी श्रमिक राजनिति के जनक 1922 से ही गाँधी जी की बनाई संस्था मजूर महाजन संघ के सचिव रूप में 1946 तक सक्रिय रहे। वे हिन्दुस्तान मजदूर सेवक संघ सहित अनेक संस्थाओं में सरदार पटेल जी की अध्यक्ष्ता में सहयोगी रहे। आजादी की लड़ाई में श्रमिक नेतत्व सक्षमता का प्रदर्शन उन्होंने 1926 में ही अहमदाबाद में मिल मजदूर आंदोलन में सक्रियता दिखाकर पार्सद बने फिर नगरपालिका स्टेंडिंग कमेटी के चेयरमेन बनकर सिद्द किया की नंदा निश्चय ही स्वाधीनता में श्रमिक युद्द कौशल नायक होंगे।
आजादी के बाद वे बाम्बे सरकार के मंत्रालय से त्यागपत्र देकर केंद्र में योजना आयोग के उपाध्यक्ष रुप में पंडित नेहरू सरकार में योजनागत विकास के स्तम्भ बनाये गए। उन्होंने योजना श्रम रोजगार सिचाई विधुत्त विभिन्न मंत्रालय का नेतत्व किया। उनकी योग्यता सक्षमता के कायल प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने योजना प्रक्रिया निर्माता रूप में वरिष्ठ स्थान दिया।
2 प्रधानमंत्रियों के निधन के बाद वे देश में 2 बार प्रधानमंत्री कुर्सी तक पहुंचे और वे ,तीन प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में गृहमंत्री रहे भारत की 3 पंच वर्षीय योजना प्रक्रिया निर्माण में उपाध्यक्ष रहे( प्रोफेसर अर्थशास्त्र )श्री गुलजारी लाल नंदा आध्यात्मिक समाजवाद हितैषी भारत की धर्म प्राण धरती में राजनैतिक सदाचार का जबरदस्त चेहरा थे। उन्होंने आध्यात्मिक समाजवाद को लोकतंत्र की मजबूती के लिए जीवित समाज की प्रखर भूमिका देने के लिए समय समय पर विभिन्न्न जरुरतों के लिए संस्थाओं का गठन किया ताकि केंद्र व राज्यों में सरकारों को योजनागत विकास में जाग्रत समाज की भागीदारी मिल सके।
1963 से 1966 के दौर में वे संयुक्त सदाचार मिशन की मशाल जलाने वाले भारत के गृहमंत्री रहे। भरस्टाचार के विरुध्द ऐतिहासिक कदम उठाये उन्होंने अपनी ही सरकार के एक नेता को भरस्टचार के आरोप में जेल भेजा। इसके बाद उन्हें सत्ता से दूर करने की रणनीति बनाई गयी ताकि वे प्रधानमंत्री या गृहमंत्री जैसे खास पदों से दूर हो जाएँ। नंदा जी ने लोकपाल का रास्ता बनाने के लिए लोकायुक्त का नेटवर्क मजबूत किया। भारत सेवकों की परम्परा की नीव् निर्माता नंदा जी ही थे जिससे की सत्ता के दमन का आरोप सरकार पर लगे इसलिए करप्शन मुक्ति के लिए जीवित समाज की भागीदारी के लिए संयुक्त सदाचार मिशन खड़ा किया गया।
रेल मंत्री बतौर उन्होंने 11 सूत्रीय कार्यक्रम तहत वर्षों से भरस्टाचार की जड़ें जमाने वाला आपरेशन मुगल सराय सफलता का इतिहास बना उस समय भारत सेवकों की राष्ट्रीय लोक सेना का निर्माण नंदा जी ने किया। भारत सेवक समाज को ऐसी संस्था बनाई गयी जिसने केंद्र व राज्य की सत्ता को अनेक जनप्रतनिधि मिले जो मंत्री पदों की गरिमा बने।
राजनैतिक सदाचार की मूल धारणा विश्व दर्पण में लाने के लिए नंदा जी की दिव्य सोच के कारण ही महाभारत रणभूमि के उजाड़ तीर्थों का कायाकल्प के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की स्थापना की थी ताकि वंशवाद के दूषित अंधमोह धृतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन हठ के कारण हुए भयावह युद्द परिणाम को कुरुक्षेत्र धर्म क्षेत्र से सबक मिल सके। यही वह भारत की हरियाणा स्थित पवित्र धरती कुरुक्षेत्र है जहाँ भगवान श्री कृष्ण द्वारा गीत्ता ज्ञान का अमृत बरसाया था। नंदा जी द्वारा संस्थापित कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड हरियाणा सरकार की महान उपलब्धियों से आजतक गीता जयंती प्रसार में दुनिया में गीता ज्ञान अमृत बरसा रहा है ।
भारतरत्न श्री नंदा जी के परम् शिष्य कृष्ण राज अरुण जोकि दिल्ली सोसायटीज रजिस्टार में डेड दशक से गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन के चेयरमेन भी हैं और वरिष्ठ पत्रकार मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय स्तर सक्रिय है का कहना है कि आने वाले वर्षों में नंदा इतिहास संग्रालय केंद्र व् राज्य सरकार के साथ केडीबी के महान लक्ष्य में महामहिम अध्यक्ष्ता में देश को गौरन्वित करे ऐसी नंदा नैतिक ज्योति एक सच्चे भारत सेवक समाज की संरचना की ओर अग्रसर दिखेगी।
Thursday, 14 March 2024
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न नंदा चाहते थे देश में राजनैतिक सदाचार का उदय हो - कृष्ण राज अरुण
लोकतंत्र आजादी की सांसे है उसके मूल्यों का नैतिक वजुद कायम रखने के लिए राजनैतिक दलों में सदाचार का उदयमान होना आवश्यक हैं। गांधीवाद सत्य को स्वीकारता है चाहे उसके लिए कोई भी हानि क्यों ना उठानी पढ़े। प्र्रार्थना और प्रायश्चित लोकतंत्र के गुणों से सज्जित जनसेवा की राजनीती में उतरने वाले लोग कभी भी समाज की हानि नहीं होने दे सकते।
आज 21 वीं सदी में भारत उन मूल्यों की खोज में एक मजबूत जनादेश वाले राजनैतिक दल की सत्ता ने श्री राम जन्मभूमि में श्री राम का प्रतिबिम्ब तो लौटा दिया मगर अभी मूल्यों की कसौटी में उतारने की जरूरत पर मंथन की जरूरत पर शायद जनादेश के बाद कोशिश हो सकती है क्योंकि इसके बिना राष्ट्रवाद की कल्पना व्यर्थ है।
यहॉं यह वजह साफ़ है पिछले दशकों में राजनैतिक सदाचार के लिए जितनी भी कोशिश भारतरत्न गुलज़ारीलाल नंदा जी या लाल बहादुर शास्त्री जी ने नीव रखी वह व्यर्थ बनाने की भरपूर कोशीष हुई जिसका परिणाम राजनैतिक सदाचार के आभाव में भरस्टाचार विषबेल की भांति फैला अवसरवादिता के पंख जिस तरह से अवसर मिला सत्ता की पैठ बनाने में राजनैतिक दल अपराध की जड़ों तक हावी होते गए।
राष्ट्रीय कार्यों के सम्पादन में गिरावट प्रसाशनिक स्तरों पर मूल्य विहीन गिरावट एक बड़ा कारन है। अर्थात सरकार के तमाम दावे विफल करने में प्रसाशनिक पारदर्शिता लागू हो पाना असम्भव हो कर रह गया है। यह गंभीर विषय है चिंता का कारण भी कि भारत के गावों की साफ़ सुथरी संस्कृति अब लालच लोभ में जकड़ती जा रही है देश के खेत खलिहान अब देश के अन्न को जहर मुक्त बनाने की बजाय अधिक उपज के लिए कीट नाशक दवाओं का प्रयोग से जमीनी उर्वर्रा शक्ति की बलि चढ़ाने में किन्तित भी चिंतित ना होना अन्न विषैला होने से इंसानी मन भी मानवीय पक्ष से विमुख होने से पर्यावरण हरियाली दूषित जल संकट - एक कठिन दौर की तरफ हमे देखना पढ़ रहा है।
भारी उद्योग का कचरा और प्रदूषित जल निकासी का सही मार्ग तय ना होने से विषैला पानी नदियों की पवित्रता को नग्न करता जा रहा है यह कुपोषण समाज को विभिन्न रोगों से घेरते हुए कठिन भयावह रोग उतपन्न होने से देश की व्यवस्था संकट मय होती है वास्तव में यह कठिन चिंता का विषय है इसके लिए जन प्रतिनिधीयों का पर्यावरण मित्रों के साथ सरकार के विभागीय कर्तव्य मार्ग बनाना बेहद आवश्यक है।
नया ग्राम उद्योग और युवा मोदी सरकार का चेहरा -
ग्राम उद्योग को के नए रूप में नरेंद्र प्रधानमंत्री ने हाल ही में सभी से वोकल फॉर लोकल और भारत की प्रगति को आगे बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने इस दिशा में 140 करोड़ भारतीयों की कड़ी मेहनत को भी स्वीकार किया।
वोकल फॉर लोकल देश का मिशन है कि हम वस्तुओं के उत्पादन, स्वावलंबन और आपूर्ति में आत्मनिर्भर बने तथा उत्पादित वस्तुओं का स्वयं उपभोग करें। यह घरेलू विनिर्माण क्षमताओं का लाभ उठाने तथा अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर इस स्पष्ट आह्वान के प्रभाव को समझने की दिशा में अंतिम कदम है।
निश्चय ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार नेतत्व में युवा शक्ति की ऊर्जा को अपने हुनर को मजबूत दिशा देने में सार्थक कदम MSME मंत्रालय ने मजबूत कार्य करने की नीव रखी है।
स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देने के आह्वान ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिये बाज़ार तक पहुँच बढ़ाने के नए रास्ते खोल दिये हैं। स्थानीय उत्पादों की बढ़ती मांग के साथ, MSME को उन बाज़ारों में प्रवेश करने के अवसर मिले हैं जहाँ पहले बड़े, बहुराष्ट्रीय निगमों का वर्चस्व था।
गौधन शक्ति जो केवल पूजा तक आस्था निमित थी उसे नया जीवन मिला -
MEME मंत्रालय की तारीफ़ को हम यूँही भुलाने नहीं देंगे क्योंकि कई क्रांतिकारी परिवर्तनों ने विभिन्न श्रोतों से आय और हुनर को ख्यातिमय बनाने के लिए युवा वर्ग को इस मंत्रालय ने एसोसिएट किया और उसके महत्व को प्रोत्साहित कर संस्थागत निर्माण मंच उसका पंजीकरण और नियम आधारित आर्थिक श्रोत के लिए स्टाटप - इत्यादि पंजीकरण की व्यवस्था दी।
गौ धन से जुडी महत्ता ने गाय गोबर से उत्पाद ने उध्यमी तैयार किये एक ऐसी क्रांति दी कि स्वयं सहायता समूह से लेकर कई लोग मुँह मोड़ने वाले आज गाय गोबर से चमत्कारिक उद्योग से तरह तरह के भारी उत्पाद तैयार करके एक भरपूर बाजार तैयार कर रहे हैं। उसमे गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन नेतत्व में अलग संस्था एमएसएमई से पंजीकृत उदयम उद्यमी विकास योजना जनकल्याण केंद्र अपनी उपयोगिता के प्रयास दिखा रहा है।
देश में लाखों ऐसे उद्यमी हैं जो MEME मंत्रालय में पंजीकृत होकर मेकइन इंडिया को सज्जित करने में रातदिन एक कर रहे हैं। आवश्यकता केवल इस जमीनी आंदोलन को गावों समाज को प्रोत्साहित करने और पर्यवरण हित के मुद्दे उजागर करने की है जिससे हमे शसक्त भारत खड़ा होने में रचनात्मक स्वरूप दिखाई दे सके। रचनात्मकता से जुड़े का विषय कार्य जब अपनी चमक दिखाते हैं तो गाँधी जी नाना जी देशमुख और दीं दयाल उपाध्याय जी या लाल बाहर शास्त्री जी से लेकर गुलज़ारीलाल नंदा का धेय स्वयंम जाग्रत हो जाता है।
भारत रत्न गुलज़ारीलाल नंदा एक ऐसा इतिहास है जो एक पुस्तक लेख में नहीं समेटा जा सकता क्योंकि उनकी पहल आजादी की लड़ाई में श्रमिक वर्ग के दमन को रोकने के लिए उनकी नीतियां इतनी हैं की उन्हें एकत्रित और शोध से राज्य सरकारें अपने श्रमिक कानूनों को ठोस रूप दे सकती हैं। उन्हें आजादी के बाद भी योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर पंडित नेहरू युग ने योजना प्रक्रिया का निर्माता रूप में तीन बार इतिहास रचा। गृहमंत्रालय सहित अनेक मंत्रालय में मजबूत का सहिंताएँ दी। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की स्थापना कर हरियाणा में महाभारत रणभूमि को उजाड़ तीर्थों के विकास कर गीताजयंती की विश्व ज्योति जाग्रत करने योग्य दिशा देने वाले भारत रत्न नंदा ही हैजिन्हे चाहकर भी नहीं भुलाया जायेगा।
(-लेखक-भारतरत्न नंदा जी के परम शिष्य हैं कृष्ण राज अरुण -सम्पादक कंट्री एन्ड पॉलिटिक्स -पत्रिका दिल्ली /चंडीगढ़ cont.9802414328--
Monday, 22 May 2017
भारत रत्न नंदा की तपोस्थली कुरुक्षेत्र से जगायेगा नैतिकता की अलख गुलज़ारीलाल नंदा फाउण्डेशन
कुरुक्षेत्र - धर्मप्राण राजनीती के शिखर युगपुरुष पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न गुलज़ारीलाल नंदा के नैतिक जीवन को दुनिया के आगे रखने के लिए नंदा अनुयाई मूल्य आधारित शिक्षा के लिए भारत के मानवता के वैज्ञानिकों को संगठित करने की तैयारी में है। आगामी ४ जुलाई को भारत रत्न नंदा जी की १९ वीं जयंति में भारत नव निर्माण में लगी संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है।
नमो उदय उद्देश्य को शक्तिशाली बनाने व भारत भारतीयतत्ता की शाख को दुनिया के आगे रखने के लिए सदाचार मिशन को जीवित किया जाना है। आयोजक भारत रत्न नंदा के शिष्य समाज कार्य अनुसंधान के प्रमुख गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन के चेयरमेन कृष्ण राज अरुण हैं।
श्री अरुण के अनुसार देश में सामजिक असंतोष समाप्ति के लिए सबसे बड़ा मंत्र आध्यात्मिक समाजवाद और मूल्य आधारित शिक्षा है। इसे पूरी ईमानदारी से लागु करने के लिए देश को नैतिक ज्योति चाहिए जो समाज में नैतिक ज्ञान अभियान का प्रभाव दे सकें। अर्थ और चरित्र संकटमय कारणों में भारतीय संस्कृति का विराट स्वरूप लुप्त होना है संकटों और सामाजिक बिखराव का मूल कारण है। विज्ञानं युग में नैतिक शिक्षा ही बिखराव को रोकने में सक्षम होगी ,पर्यावरण में आया प्रदूषण के अनेक कारण आपदा संकट हमारे आगे गंभीर विषय हैं। इन्हे रोकने के लिए प्रकृति और मानव समन्वय आवश्यक है।
अलर्ट इंडिया लाइव के प्रमुख सम्पादक न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया उत्तर भारत अध्यक्ष के आर अरुण ने कहा है की मिडिया सहित सामाजिक विकास से जुडी संस्थाओं की भागीदारी में तय किया जायेगा की विकास युद्द में नैतिकता के मापदंड क्या हों।
नमो उदय उद्देश्य को शक्तिशाली बनाने व भारत भारतीयतत्ता की शाख को दुनिया के आगे रखने के लिए सदाचार मिशन को जीवित किया जाना है। आयोजक भारत रत्न नंदा के शिष्य समाज कार्य अनुसंधान के प्रमुख गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन के चेयरमेन कृष्ण राज अरुण हैं।
श्री अरुण के अनुसार देश में सामजिक असंतोष समाप्ति के लिए सबसे बड़ा मंत्र आध्यात्मिक समाजवाद और मूल्य आधारित शिक्षा है। इसे पूरी ईमानदारी से लागु करने के लिए देश को नैतिक ज्योति चाहिए जो समाज में नैतिक ज्ञान अभियान का प्रभाव दे सकें। अर्थ और चरित्र संकटमय कारणों में भारतीय संस्कृति का विराट स्वरूप लुप्त होना है संकटों और सामाजिक बिखराव का मूल कारण है। विज्ञानं युग में नैतिक शिक्षा ही बिखराव को रोकने में सक्षम होगी ,पर्यावरण में आया प्रदूषण के अनेक कारण आपदा संकट हमारे आगे गंभीर विषय हैं। इन्हे रोकने के लिए प्रकृति और मानव समन्वय आवश्यक है।
अलर्ट इंडिया लाइव के प्रमुख सम्पादक न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया उत्तर भारत अध्यक्ष के आर अरुण ने कहा है की मिडिया सहित सामाजिक विकास से जुडी संस्थाओं की भागीदारी में तय किया जायेगा की विकास युद्द में नैतिकता के मापदंड क्या हों।
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